मुझे नास्तिक जो बताते
चलो आदमी तो बताते
उठाते हैं कुरआनो गीता
मगर झूठ सच को बताते
बचाते है दामन वो अपना
ख़तावार मुझ को बताते
जो टकराए अंधे से कोई
सभी अंधा उस को बताते
किशन ने जो की उस को लीला
मगर चोर मुझ को बताते
वो अपनी वफ़ा को टटोले
हमें बेवफ़ा जो बताते
मै मेहमान कहता हूँ उन को
वो मेहमान मुझ को बताते
'यक़ीन' अपने दिल पर नहीं
फ़रेबी जहाँ को बताते