बूँदें गिरती बड़ी-बड़ी
बूँदों की लग गई झड़ी,
गिरती जब करती तड़-तड़
पत्ते करते हैं खड़-खड़।
सड़कों पर बहता पानी,
बच्चे करते शैतानी।
निकल पड़ी उनकी टोली,
मानो खेल रहे होली!
एक हाथ में है छाता,
देखो वह मुन्ना आता।
भीग गया फिर भी हँसता,
कंधे पर लटका बस्ता।
आकर बोला नानी से,
खेलूँगा मैं पानी से।
नानी ने उसको डाँटा
भाग गया कहकर ‘टा-टा’!