मुबारक (ममारख) का पूरा नाम सैयद मुबारक अली बिलग्रामी है। ये अरबी, फारसी, संस्कृत तथा हिंदी के अच्छे ज्ञाता थे। इनके दो ग्रंथ प्रसिध्द हैं- शतक तथा तिल शतक। इसमें नायिका की अलक तथा तिल पर ही दोहे लिखे गए हैं। इनकी कविता अत्यंत सरस है तथा उसमें कल्पा भी अनूठी है। इनके बहुत से स्फुट छंद में मिलते है।