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मुस्कुराता चेहरा- 2 / राजेन्द्र जोशी

धोरों को निहारता हूँ
ये धोरे मेरे अपने हैं
इनमें पानी नहीं है
पर हवा तो हैं
बदली-बदली
मस्त-पस्त
ठण्डी-गरम
परसता हूँ
धोरों को