देह से प्रे भी
मुहब्बत होती है …
जो कभी परीक्षा नहीं लेती
इक पल को ही सही
जीती रहती है संग
बरसों तक …
कस कर पकडे हाथ
देह से प्रे भी
मुहब्बत होती है …
जो कभी परीक्षा नहीं लेती
इक पल को ही सही
जीती रहती है संग
बरसों तक …
कस कर पकडे हाथ