तो न वह करतूत है करतूत ही।
जो अँधेरे में न उँजियाली रखे।
तो निराली बात उस में न क्या रही।
जो न काली मूँछ मुँह लाली रखे।
तो न वह करतूत है करतूत ही।
जो अँधेरे में न उँजियाली रखे।
तो निराली बात उस में न क्या रही।
जो न काली मूँछ मुँह लाली रखे।