मूर्तियों के शहर में सन्नाटा है
शायद इन मूर्तियों को गढ़ने वाले
शिल्पी की आह
शहर को लग गई है
कैसी विचित्र मूर्तियाँ हैं इस शहर में
भ्रष्ट दलालों की मूर्तियाँ
भ्रष्ट राजनेताओं की मूर्तियाँ
कुछ मूर्तियाँ वेश्याओं की हैं
कुछ मूर्तियाँ धार्मिक ठेकेदारों की
कुछ मूर्तियाँ चमचों की
सँगमरमर से बनी मूर्तियों की
गरदनें दम्भ से अकड़ी हुई हैं
आँखों में हैं वहशीपन
मूर्तियों के शहर में
सत्य की समाधि है
अहिंसा की समाधि है
मूर्तियों के शहर में
गणतन्त्र की लाश है
जिसे चील-कौवे नोच रहे हैं