Last modified on 12 सितम्बर 2018, at 17:05

मूल्य / ककबा करैए प्रेम / निशाकर


एहि घोर कलिजुगमे सेहो
स्त्रीक मूल्य अमूल्य होइत छै
केओ नहि लगा सकतै मूल्य
कहियो।

जहिना कारीगर वस्तुक मरम्मति कऽ बन दैछ
उपयोगी
स्त्री सेहो
कारीगर जकाँ
खिन्न मोनकें मरम्मति करिते रहैत अछि
मोनक एक-एकटा तारकें
जोड़ैत रहैत अछि
ओकरा बूझल रहैत छैक
कोन तार
ककरासँ जुड़ल छै।