एक दिन नश्वरता का होगा
भीगी पलकों
रुंधे कंठ और
हृदय में हाहाकार का होगा
शेष सबका होगा
बस तुम्हारा न होगा
वह एक दिन
एक दिन नश्वरता का होगा
भीगी पलकों
रुंधे कंठ और
हृदय में हाहाकार का होगा
शेष सबका होगा
बस तुम्हारा न होगा
वह एक दिन