अचानक चौंक कर
जागूँगा गहरी नींद
और नहीं पाऊँगा
अपने बिस्तर पर ख़ुद को
—नहीं, खो गया नहीं
होऊँगा
सोने को चला गया हूँगा
मृत्यु के सपने में
चुपचाप—
सच करने उस को ।
—
14 जुलाई 2009
अचानक चौंक कर
जागूँगा गहरी नींद
और नहीं पाऊँगा
अपने बिस्तर पर ख़ुद को
—नहीं, खो गया नहीं
होऊँगा
सोने को चला गया हूँगा
मृत्यु के सपने में
चुपचाप—
सच करने उस को ।
—
14 जुलाई 2009