है मेरा दिल उदास और व्यग्र
याद आते हैं मुझे पुराने दिन,
थी दुनिया तब इतनी सुखदाई
रहते थे लोग बाहर प्रशान्त ।
अब सब कुछ है बिखर गया,
दबाव है अब ! कष्ट है !
ऊपर भगवान मर गया है
और नीचे शैतान मर गया ।
लग रहा है हर कोई यहाँ इतना उदास,
किंकर्तव्यविमूढ़, क्षीण और भावनाशून्य
गर होता नहीं यह थोड़े से प्यार के लिए,
तो होता नहीं कहीं भी ठहराव ।।
मूल जर्मन से अनुवाद -- प्रतिभा उपाध्याय