Last modified on 25 दिसम्बर 2015, at 00:44

मेरा साथ देता है / कमलेश द्विवेदी

काट वो मेरी बात देता है.
दिल से पर मेरा साथ देता है.

रोज़ करता है मुझको मैसेज वो,
पर न हाथों में हाथ देता है.

क्या बताऊँ वो कितना अच्छा है,
अच्छे-अच्छों को मात देता है.

दिन वो दे चाहे बदलियों वाले,
मुझको पूनम की रात देता है.

जब भी लिखता हूँ उसको लिखता हूँ,
वो कलम वो दवात देता है.