Last modified on 27 फ़रवरी 2018, at 21:45

मेरी उम्र / प्रज्ञा रावत

मेरी उम्र कटती है
जैसी गुज़रती हों माँ
मुझमें से

पेड़ पर धीमे-धीमे
पकते फल की तरह

जो अब गिरा... अब गिरा।