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मेरी नक़ल / मनमोहन

मेरी निक़ल
अब मुझे सत्यापित करती है

यही फ़ैसला हुआ है जिसे मैंने मान लिया है

कोई कमी हो तो मुझे प्रशिक्षित भी वही करती है

और
अगर मैं उदास हो जाऊँ
तो यह मेरा सौभाग्य ही कहा जाए
कि मुझे तसल्ली भी वही देती है