हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मेरी बीबी सोवै अटारिया पहने है झुमके बालियां
बीबी सोई सोई उठ जागियां अपने बाबा दादा से बर मांगिया
बाबुल एक कहा मोरा कीजिये मुझे राय रतन बर दीजियो
बेटी रायरतन सिर सेहरा जैसे बागों में खिल रहा केवड़ा
बेटी मत कर मन पछतावड़ा तेरी अम्मा गोरी बाबल सांवला
बेटी आप किसन भी सांवले रुक्मण का रंग ऊजला