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मेरी माँ / राजेन्द्र जोशी

मेरी माँ
तू भी कितनी भोली है
सबको सहन करती है
तेरा ऑपरेशन रोज चलता है
तुझे खून की जरूरत नहीं
मेरी माँ!
तेरा पेट बड़ा तो है
रोज इसको भरती है
कभी पाइप, कभी तार
तो कभी जार, तो कभी वार,
तो कभी मार
फिर भी सबको सहन करती है
यह सिलसिला कब तक चलेगा
मेरी माँ!
सबका अधिकार है तेरे पर
सबको सहन करती हो,
मेरी माँ
 अपनी रखड़ी तो संभाल।