हरदम हँसती ही रहती है
हिंदी वाली मेरी मैडम।
हँस-हँसकर मुझको समझाती,
हँस-हँसकर ही पाठ पढ़ाती।
गीत सुरीले कभी सुनाती,
कभी सुनाती नई कहानी,
कभी न गुस्से से झुँझलाती,
कभी न मुझको डाँट पिलाती।
जैसे फूलों की हो क्यारी,
मेरी मैडम प्यारी-प्यारी।
हरदम हँसती ही रहती है
हिंदी वाली मेरी मैडम।
हँस-हँसकर मुझको समझाती,
हँस-हँसकर ही पाठ पढ़ाती।
गीत सुरीले कभी सुनाती,
कभी सुनाती नई कहानी,
कभी न गुस्से से झुँझलाती,
कभी न मुझको डाँट पिलाती।
जैसे फूलों की हो क्यारी,
मेरी मैडम प्यारी-प्यारी।