मेरी लाज तुम रख भैया। नंदजीके कुंवर कनैया॥ध्रु०॥
बेस प्यारे काली नागनाथी। फेणपर नृत्य करैया॥ मे०॥१॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावे। मुखपर मुरली बजैया॥ मे०॥२॥
मोर मुगुट पीतांबर शोभे। कान कुंडल झलकैया॥ मे०॥३॥
ब्रिंदावनके कुंज गलिनमें नाचत है दो भैया॥ मे०॥४॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमल लपटैया॥ ने०॥५॥