यह अजनबी शहर
मेरी सम्पदा
सुनती हूँ मैं
चीं-चीं करती चिड़िया को
देखती हूँ
बहुरंगी पत्ते
फव्वारे
खेलते हुए बच्चे I
रहती हूँ यहाँ मैं
हज़ारों वर्षों से
समय के साथ
बदलते हुए विवेक के
पृथ्वी के साथ
और अनन्त आकाश के साथ ।I
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित