कभी नहीं लिखा पत्र किसी ने
समाचार भी नहीं भेजा कभी
किसी के मार्फ़त
मेरी भी नहीं ली कोई खोज-ख़बर
मेरी ही तरह
रमे होंगे अपने-अपने धन्धों में
जी रहे होंगे अपना-अपना जीवन
जैसे मैं जी रहा हूँ
फिर भी याद तो आती ही होगी
कभी न कभी
हो जाते होंगे व्याकुल
मेरी ही तरह