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मेरे तेरे रंग रसीले / रमेश रंजक

मेरे-तेरे रंग, रसीले
इक दिन झर जाएँगे ।

रंग एक मौसम की हद है
मौसम सिर्फ़ एक सरहद है
सरहद पार, हठीले
सपने मर जाएँगे ।

कौन सहेजे जन-मन बानी
बानी : क़दम-क़दम कुर्बानी
मोड़ बड़े दर्दीले
सब कुछ हर जाएँगे ।