मेरे-तेरे रंग, रसीले इक दिन झर जाएँगे । रंग एक मौसम की हद है मौसम सिर्फ़ एक सरहद है सरहद पार, हठीले सपने मर जाएँगे । कौन सहेजे जन-मन बानी बानी : क़दम-क़दम कुर्बानी मोड़ बड़े दर्दीले सब कुछ हर जाएँगे ।