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मेरे दिल में उतर गया/जावेद अख़्तर


मेरे दिल में उतर गया सूरज
तीरगी<ref>अँधेरा</ref> में निखर गया सूरज


दर्स <ref>शिक्षा</ref> देकर हमें उजाले का
खुद अँधेरे के घर गया सूरज


हमसे वादा था इक सवेरे का
हाय केसा मुकर गया सूरज


चांदनी अक्स, चाँद आइना
आईने में संवर गया सूरज


डूबते वक़्त जर्द<ref>पीला</ref> था इतना
लोग समझे के मर गया सूरज

शब्दार्थ
<references/>