मेरे नयना भये चकोर .
अनुदिन निरखत श्याम चन्द्रमा सुन्दर नंदकिशोर .
तनिक भये वियोग उर बाढ़त बहु बिधि नयन मरोर.
होत न पल की ओट छिनकहूँ रहत सदा दृग जोर.
कोऊ न इन्हें छुडावनहारों अरुझे रूप झकोर .
हरिचन्द नित छके प्रेम रस जानत साँझ न भोर .