तुम्हें मिले हुए कितने बरस
अब तो आओ ना मेरे पिया
जलते जलते यूँ ही तेरा रस्ता
देखे है मेरा पागल जिया
पुरवा से खिड़की का परदा हिला
आंखों में तेरा चेहरा खिला
हाथों से चिलमन हटाना तेरा
मीठा सा वो मुस्कुराना तेरा
इन्हे देखे गया दिल ये तरस
अब तो आओ ना मेरे पिया
जलते जलते यूँ ही तेरा रस्ता
देखे है मेरा पागल जिया
पीपल के पत्तों से छनकर किरण
आती है अब भी देहरी आंगन
बनती अधूरी सी परछाई एक
दूजी परछाई को तरसे है मन
सूनी दीवारें जाए फिर से हरस
अब तो आओ ना मेरे पिया
जलते जलते यूँ ही तेरा रस्ता
देखे है मेरा पागल जिया
तेरी यादें मेरे मन में बसी
कोई नहीं यहां तुझसा हसीं
तू जो होता गर क्या थी कमी
आंखों में होती क्यूँ ये नमी
दिल ये मेरा मांगे तेरी दरस
अब तो आओ ना मेरे पिया
जलते जलते यूँ ही तेरा रस्ता
देखे है मेरा पागल जिया