Last modified on 9 दिसम्बर 2012, at 20:28

मेरे बाद / संगीता गुप्ता

मेरे बाद
तुम्हारे पास
क्या शेष रह जायेगा मेरा

चंद चित्र
काले - स्याह, जीवंत
कविताएँ
साधारण,
मन को छूतीं
कहानियाँ
सपाट, गहरी
कुछ पत्र
प्रायः अनुत्तरित
और
बेसिर पैर की बातों का
अंतहीन सिलसिला

ऐसे में
मेरा जाना
क्या जाना होगा ?
मेरे अस्तित्व के
छोटे-बड़े, न जाने
कितने ही हिस्से
तुम्हारे पास
रह जायेंगे