दग़ा है उड़ना
धोखा है उड़ना
कोई कहे-
छल है, कपट है उड़ना
पर मेरे सुग्गे, तुम उड़ना
तुम उड़ना
पिंजड़ा हिला
सोने की कटोरी गिरा
अनार के दाने छींट
धूप में करके छेद
हवाओं की सिकड़ी बजा
मेरे सुग्गे, तुम उड़ना।
दग़ा है उड़ना
धोखा है उड़ना
कोई कहे-
छल है, कपट है उड़ना
पर मेरे सुग्गे, तुम उड़ना
तुम उड़ना
पिंजड़ा हिला
सोने की कटोरी गिरा
अनार के दाने छींट
धूप में करके छेद
हवाओं की सिकड़ी बजा
मेरे सुग्गे, तुम उड़ना।