बंट रहे थे जब सारे पहर
बंट रही थीं जब
रोमांचक रातें
शबनम में नहायी
खुशनुमा सहर
मेरे हिस्से आई
बस गर्मियों की लंबी
चिलचिलाती दोपहर...
बंट रहे थे जब सारे पहर
बंट रही थीं जब
रोमांचक रातें
शबनम में नहायी
खुशनुमा सहर
मेरे हिस्से आई
बस गर्मियों की लंबी
चिलचिलाती दोपहर...