मेरो मन हरलियो राज रणछोड। मेरो मन०॥ध्रु०॥
त्रिकम माधव और पुरुषोत्तम ने। कुबेर कल्याणनी जोड॥१॥
राधां रुक्मिणी और सतभामा। जांबुक करणी जोड॥२॥
चार मास रत्नागर गाजे। गोमती करत कलोल॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हरी मारा दलडाना चोर॥४॥
मेरो मन हरलियो राज रणछोड। मेरो मन०॥ध्रु०॥
त्रिकम माधव और पुरुषोत्तम ने। कुबेर कल्याणनी जोड॥१॥
राधां रुक्मिणी और सतभामा। जांबुक करणी जोड॥२॥
चार मास रत्नागर गाजे। गोमती करत कलोल॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हरी मारा दलडाना चोर॥४॥