घूमी लेॅ हो घूमी लेॅ बौंसो मेला देखी लेॅ!
बिहार राजऽ के नामी मेला पपहरनी में नाही लेॅ!!
ठाम्हैं पहाड़ छौं मन्दारऽ के
जेकरऽ बीचऽ में शेषऽ के दाग!
देवताँ बनैलकै हेकरा मथानी
रस्सी बनलऽ बड़का नाग!!
मथलऽ गेलऽ सौंसे समुंदर खिस्सा पुराणऽ के जानीलेॅ!
देवासुर-संग्रामऽ के हाल हमरा मुँहऽ सें सुनिलेॅ!!
याहीं पेॅ मारलऽ गेलऽ मद्धू
मधुसूदनऽ के हाथऽ सें!
देलकै दबाय पहाड़ऽ के नीचे
सम्मैं मिली कभातऽ सें!!
मधुसूदनऽ के मंदिरऽ में भगवानऽ केॅ पूजी लेॅ!
सकराँती के मौका पेॅ भैया खिचड़ी-प्रसादी पाबी लेॅ!!
बगल्है में संस्कृत बिद्यापीठ
साधु गुरु के कुटिया छौं!
गुरुधामऽ में वैदिक कॉलेज
बाबा संन्यालऽ के आश्रम छौं!!
नाही पपहरनी तिलवा चढ़ाय केॅ तीर्थऽ के दर्शन करीलेॅ!
सर्कस-नाटक देखी तमाशा वैरचुन घरऽ लेॅ कीनीलेॅ!!