तितली अभी उड़ी थी भाई,
मैंने उसका चित्र बनाया!
फूल खिला था सुंदर-सुंदर,
मैंने उसका चित्र बनाया।
दीदी हँसकर जब थी नाची,
मैंने उसका चित्र बनाया।
दादी ने रामायण बाँची,
मैंने था तब चित्र बनाया।
ढेरों चित्र बनाऊँगा जब
कलाकार मैं कहलाऊँगा,
सारी दुनिया मान करेगी
मैं भी ऊँचा उठ जाऊँगा।