मैं
पारदर्शी दृष्टि से
हर आवरण के पार
ओट में रखे हुए
प्रत्येक मिथ्या भ्रमजनक
अस्तित्व को छू,
ज्ञात करना चाहता हूं
सत्य क्या है ?
तुम्हें भी अधिकार है,
तुम टटोलो तहें मेरी
और पहचानो
कि मैं
बहता हुआ पानी नहीं हूं
महासागर हूं।
मैं
पारदर्शी दृष्टि से
हर आवरण के पार
ओट में रखे हुए
प्रत्येक मिथ्या भ्रमजनक
अस्तित्व को छू,
ज्ञात करना चाहता हूं
सत्य क्या है ?
तुम्हें भी अधिकार है,
तुम टटोलो तहें मेरी
और पहचानो
कि मैं
बहता हुआ पानी नहीं हूं
महासागर हूं।