हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मैं अंग्रेजी पढ़ गई बालम खाना नहीं बनाऊंगी
नहीं चूल्हे पर रखूं देगची आंच ना बारूंगी
पतली फुलकिया पोए न बालम तुझे न खिलाऊंगी
न चक्की पर रखूंगी पसीना कोर ना डालूंगी
गोरमैंट से बात करूंगी तनखाह पाऊंगी
तेरे सा मजूर पलंग बिछावै गद्दा लाऊंगी