मैं अकेला कभी न था
और न आज हूँ
क्योंकि मैं तो
सर्वहारा की आवाज़ हूँ
उनका हँसना मेरा हँसना है
उनका रोना मेरा रोना है
दुनिया
जिनके मिट्टी सने हाथों--
बना खिलौना है ।
मैं अकेला कभी न था
और न आज हूँ
क्योंकि मैं तो
सर्वहारा की आवाज़ हूँ
उनका हँसना मेरा हँसना है
उनका रोना मेरा रोना है
दुनिया
जिनके मिट्टी सने हाथों--
बना खिलौना है ।