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मैं क्यों लिखता हूँ / तादेयुश रोज़ेविच

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कभी-कभी 'जीवन' उसे छिपाता है
जो जीवन से ज़्यादा बड़ा है

कभी-कभी पहाड़ उस सबको छुपाते हैं
जो पहाडों के पार है
इसीलिए पहाडों को खिसकाया जाना चाहिए
लेकिन पहाडों को खिसकाने लायक
न तो मेरे पास तकनीकी साधन हैं
न ताकत
न भरोसा
इसलिए मैं जानता हूँ कि आप उन्हें इसी जगह देखते रहेंगे

और यही वजह है कि
मैं लिखता हूँ ।

(बिल जॉन्सन के अंग्रेज़ी अनुवाद के आधार पर )