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मैं तो ‘चम्पक’ पढ़ती / बालकृष्ण गर्ग

दीवाली पर उल्लू बोला-
‘कर लो पूजन मेरा,
लक्ष्मी जी का मेरे ऊपर
रहता सदा ऊपर’।

कोयल बोली-‘मूर्ख बना मत,
मैं तो ‘चम्पक’ पढ़ती,
खूब जानती, बुद्धि और श्रम-
से सुख-संपद बढ़ती’।
[चम्पक, नवंबर 1996]