मैं मर गयी हूँ
पर मेरा ह्रदय साँस लेता है अब भी
मैं थी अवाक
लेकिन एक आवाज़ थी प्रतिध्वनित मेरे भीतर
मैं थी दृष्टिहीन
पर मेरी अंतर्दृष्टि देख रही थी बाहर की ओर
मैं थी गतिहीन
किन्तु मेरे फुर्तीले स्वप्न ले गए थे मुझे मीलों दूर
मैं मरी
किन्तु मरी मैं जीते हुए।