मैं ही हूँ अदम और हूँ मौजूद भी मैं
हर चीज़ का वाकिफ़ भी मैं, मफ़्कूद भी मैं
यूँ ज़म हूँ जमां-मकां मैं जैसे कि न हूँ
मैं हस्त भी, मैं बूद भी, ना-बूद भी मैं।
मैं ही हूँ अदम और हूँ मौजूद भी मैं
हर चीज़ का वाकिफ़ भी मैं, मफ़्कूद भी मैं
यूँ ज़म हूँ जमां-मकां मैं जैसे कि न हूँ
मैं हस्त भी, मैं बूद भी, ना-बूद भी मैं।