Last modified on 4 मार्च 2020, at 15:06

मैने स्वयं को / राखी सिंह

सांत्वना दिया
अच्छा था
हमारे बीच 'कुछ नहीं था'

कुछ न होकर
सबकुछ होने का योग साधा है मैने

कुछ न होने के नष्ट होने की पीड़ा
सबकुछ नष्ट होने की पीड़ा से
तनिक भी कम नहीं हुई।