सजाओ घर द्वार
बिछाओ पुष्प अपार
लगाओ वंदनवार
मैया आने वाली है
हंसो पर सवार
लेकर बीणके तार
पहन फूलों का हार
शारदे आने वाली है।
लेकर ज्ञान का थाल
कुमकुम लगाके हाल
श्रद्धेय वसन संभाल
मैया आने वाली है।
प्रकृति ने किया श्रृंगार
उड़ाके रंग अबीर
बहने लगी है समीर
शारदे आनेवाली है