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मोटो मिनख / कन्हैया लाल सेठिया

कोनी
झेल सक्यो
जद कोई
सरधा,
जणां
थरप दियो
भाटै नै देवता !

कोनी
पूर सक्यो
जद कोई
कामना
जणां
मानली
घड़योड़ी
मूरत में
वरदान री खिमता !