मोटो सिरजण / कन्हैया लाल सेठिया

लाध ज्यासी
रिंद रोही री
ढाणी तकायत में
दिवळो‘र दरपण
चावै हरेक पग
देखणो मारग
हरेक दीठ,
उणियारो,
कोनी कर सक्यो मोटो मिनख
आज तांईं
आ दोन्यां स्यूं बडो
और कोई सिरजण !

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.