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मोर गंवई हे गंगा / राममोहन दीवान

गांव म गोकुल गांव म मथुरा गांव म तीरथ धाम
मोर गंवई ये गंगा जइसन, करंव परनाम

गांव म जनम लेंहें बड़े महापुरुष अऊ ज्ञानी
गंवई ले जग ल मिले हवे, रिसी मुनि अऊ ध्यानी
गांव के भुंया सरग जइसन, एकर नइये दाम
मोर गंवई .............

गांव के मनखे कर तेंहा, छल कपट नंइ पाबे
सीता राम के जोड़ी मिलही, जऊन गली तै जाबे
नारी में राधा के दरस होवय, नर में होए स्याम
मोर गंवई-------------

सेज पलंगे अऊ दसना, धरती दाई के कोरा ए
सादा जिनगी गंवइहा बर, फागुन अऊ पोरा ए
रोज निकाल के आसिस देवय, गंवइहा ल घाम
मोर गवई----------------

गज़ब मयारूक गांव के माटी, जग ल येहा पोंसे
कतको दुख ल सहि के भइया पेट के आंसू पोंछे
राम मोहन के ये भुंइया ए, जगत म महान
मोर गंवई ----------------