मौन भी अपना
हवाएँ गुन रहीं
बिना बोले ही
वो सब कुछ सुन रहीं
बोले से
पल को
मुकर भी ले कोई
पर अबोले से
कहाँ निस्तार है
अबोला
आस का संसार है
मौन भी अपना
हवाएँ गुन रहीं
बिना बोले ही
वो सब कुछ सुन रहीं
बोले से
पल को
मुकर भी ले कोई
पर अबोले से
कहाँ निस्तार है
अबोला
आस का संसार है