जितने बादल उमड़ेंगे आसमान में
उतनी घास उमगेगी ज़मीन से
दोनों के ही उद्दण्ड मौसम
अतिथियों की तरह जाते हैं कृत-कृत्य होकर ।
जितने बादल उमड़ेंगे आसमान में
उतनी घास उमगेगी ज़मीन से
दोनों के ही उद्दण्ड मौसम
अतिथियों की तरह जाते हैं कृत-कृत्य होकर ।