चिड़िया, गाड़ी, करधनी
वहाँ छोड़ आया हूँ तुमको
यादों के तुतलाने की आवाज़ जहाँ
आँगन के खटोले पर दादी की बगल में
दुबक कर
सो गई है ।
चिड़िया, गाड़ी, करधनी
वहाँ छोड़ आया हूँ तुमको
यादों के तुतलाने की आवाज़ जहाँ
आँगन के खटोले पर दादी की बगल में
दुबक कर
सो गई है ।