हेत खातर आडै दिन हुय जावै- सबद अडोळा। अणूता सबदां बिच्चै म्हनै नीं लाधै बै सबद जिण सूं कीं लिखीज सकै- थारै अर म्हारै हेत बाबत। थूं म्हारै मांय है हेत रो समंदर लियां अर उणी समंदर मांय म्हैं हूं म्हारै खातर है- दुनिया रा रंग।