|
यदि तुम चाहते हो
कि बच्चों के बिछौने पर
खिल-खिल जाएँ गुलाबी फूल
यदि तुम चाहते हो
कि लद जाए तुम्हारा बगीचा
किस्म किस्म के फूलों से
यदि तुम चाहते हो
कि घने काले मेघ आ जाएँ खेतों तक
पैगाम लेकर हरियाली का
और हौले-हौले खोले
मुंदी हुई पलकें बसंत की
तो तुम्हें आज़ाद करना ही होगा
उस क़ैदी परिन्दे को
जिसने घोंसला सजा रखा है
मेरी जीभ पर।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र