Last modified on 28 फ़रवरी 2008, at 09:33

यही कहूंगा / केदारनाथ अग्रवाल

यही कहूंगा--

क्षण-प्रतिक्षण मैं यही कहूंगा :

जीत लिया सबको फूलों ने,

सबके सिर पर फूल चढ़े हैं ।