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यह पथ-2 / सुधीर मोता

सुनो थाम लो
कसकर पकड़ो
इस क्षण को ही
खींचो लम्बा

अनुभव जो अपने छूने से
सरक दूर हो जाते हैं
कल आने की कहकर जाते
कुछ समय विवश
कुछ हम ही ऎसे
न रखो भरोसा जाते पर
फिर से आने का।