Last modified on 25 मार्च 2011, at 22:11

यह भी अजब तमाशा है / शतदल

यह भी अजब तमाशा है ।
जिसको देखो प्यासा है ।

प्यार तुम्हारा क्या कहने
पानी-धुला बताशा है ।

फूलों और बारुदों की
अपनी-अपनी भाषा है ।

मुखिया मेरी बस्ती का
बना गोगियापाशा है ।