यह भी अजब तमाशा है ।
जिसको देखो प्यासा है ।
प्यार तुम्हारा क्या कहने
पानी-धुला बताशा है ।
फूलों और बारुदों की
अपनी-अपनी भाषा है ।
मुखिया मेरी बस्ती का
बना गोगियापाशा है ।